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चकरभाठा बस्ती में रहा भटक कर पहुंचे रायगढ़ लैलूंगा के मानसिक रोगी मरीज को छेत्रीय समाज सेवक पत्रकार सारथी की मदद से पहुंचाया गया अस्पताल

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आज बुधवार की सुबह 10:30 चकरभाटा बस्ती के आम लोगो से मिली जानकारी के अनुसार
आज सुबह 10.30 बजे क्षेत्रीय पब्लिक न्यूज़ समाज सेवी पत्रकार सारथी जी को चकरभाठा बस्ती के लोगों से सूचना प्राप्त हुई की चकरभाठा बस्ती में लोकनाथ पाल के घर के पास एक मानसिक रोगी व्यक्ति बैठा हुआ है जिसकी दोनों पैर में पट्टी लगे हैं चलने में असमर्थ है नीचे कपड़ा नहीं पहना हुआ है रात में गांव में भटक कर आया है सूचना पर क्षेत्रीय पब्लिक न्यूज़ समाज सेवक पत्रकार सारथी घटनास्थल पहुंचे जहां जाने पर मानसिक रोगी से बातचीत करने पर मानसिक रोगी व्यक्ति ने अपना नाम नीलांबर प्रसाद पिता स्वर्गीय सुखराम उम्र करीबन 45 वर्ष पता ग्राम गुडु बहाल थाना लैलूंगा जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ का होना बताया जिसने बताया कि वह 5 महीना से घर से निकला हुआ है मगर घर नहीं पहुंच पा रहा दोनों पैरों में चोट लगी है जिसकी वजह से पैर में कीड़े पड़ गए हैं पहनने को कपड़े नहीं है बुखार हो गया है गर्म पानी पीना है और कपड़े दिलवा दो इसके बाद समाज सेवी पत्रकार ने उसे कुछ कपड़े और गर्म पानी उपलब्ध करवाए और अपने हाथों से कपड़े पहनाए और मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए डायल 112 व 108 को सूचना दी
क्योंकि मानसिक रोगी व्यक्ति चलने में असमर्थ था और डायल 112 वाहन में मरीज को लेटाकर अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था नहीं होती इसलिए 108 एम्बुलेंस की मांग की गई लेकिन 108 एम्बुलेंस बीजी होने का हवाला देकर डायल 112 में मरीज को अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए जा रहे थे जिसका विरोध करते हुए क्षेत्रीय पब्लिक न्यूज़ समाज सेवी पत्रकार सारथी ने 108 एंबुलेंस की ही मांग की क्योंकि क्षेत्र के 108 एम्बुलेंस इन दोनों मरीज को अस्पताल पहुंचाने की बजाय आराम फरमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं इसकी शिकायत कई बार क्षेत्रीय पब्लिक न्यूज़ पत्रकार सारथी जी को मिल चुकी है अक्सर देखा गया है की कई सड़क दुर्घटनाओं में 108 एंबुलेंस बाद में पहुंचती है जिसे देखते हुए मजबूरी बस डायल 112 वाहन से ही मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है एवं गौरतलब है कि 112 वाहन में मरीज को लेटा कर अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था नहीं होती जिसकी वजह से अस्पताल जाते वक्त हाथ पैर टूटे हुए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसके बाद डायल 112 और 108 एंबुलेंस घटना स्थल पहुंची तत्पश्चात मरीज को 108 एंबुलेंस से सिम्स अस्पताल बिलासपुर ले जाकर भर्ती कराया गया है
एवं समाजसेवी पब्लिक न्यूज़ पत्रकार सारथी ने क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया है कि कोई भी मानसिक रोगी व्यक्ति आपके आसपास सड़क पर निर्वस्त्र घूमता दिखे तो थोड़ी सी मानवता दिखाते हुए ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए ताकि ऐसे लोग किसी सड़क दुर्घटना या ट्रेन दुर्घटना की शिकार ना हो और उनकी मौत होने से पहले उन्हें सुरक्षित मानसिक रोगी अस्पताल पहुंचा जा सके इसके लिए केवल आम लोगों को डायल 112 को फोन लगाने की आवश्यकता होती है लेकिन इन दोनों जिलों के सभी थाना छेत्रो में सड़को पर कई मानसिक रोगी देखे जा सकते हैं जिसका मुख्य कारण स्वस्थ विभाग और पुलिस विभाग का सुस्क राविया है अगर छेत्र के थानों में भी इस तरह के मानसिक रोगी मरीज को गलती से डायल 112 वाहन से मानसिक रोगी अस्पताल ले जाने की बात कर दे तो पोलिस वाले कहते हैं की इन तरह के पागलों को या तो किसी ट्रेन में बैठा देना चाहिए या किसी बस स्टैंड रेलवे स्टेशन के पास छोड़ देना चाहिए वह भटकते हुए कहीं भी चले जाए हमें क्या फर्क पड़ता है जिसका विरोध क्षेत्रीय पत्रकार सारथी हमेशा करते आए हैं क्योंकि उनके द्वारा अब तक कई ऐसे मानसिक रोगी मरीजों का इलाज बिलासपुर सेंदरी के मानसिक रोगी अस्पताल में भिजवाकर करवाया जा चुका है एवं कई मानसिक रोगी जो सड़क एवं ट्रेन दुर्घटना में मृत हो जाते हैं उनका अंतिम संस्कार भी करवाया जा चुका है
जो पुलिस और स्वस्थ विभाग की लापरवाही का नतीजा है
पत्रकार सारथी कहते हैं मानसिक रोगियों के पास दिमाग नहीं होता लेकिन हमारे पास तो सोचने समझने की क्षमता है शायद मानसिक रोगी व्यक्ति के सामने हमें भगवान एक देवदूत के रूप में पेश करता है बस आवश्यकता होती है तो मानसिक रोगी व्यक्ति का मार्गदर्शन करने की

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